Sunday 25 June 2023

हमारा घर परिवार 'आदर्श हिन्दू घर -परिवार' कैसे बने ?

आदर्श हिन्दू घर-परिवार: हजारों वर्षों से हमारी संस्कृति जीवन्त संस्कृति बनी रही , इसका प्रमुख कारण है ' परिवार ' । हिन्दू परिवार हिन्दू संस्कृति की प्राथमिक पाठशाला है । हमारा परिवार देव संस्कृति का संदेशवाहक है । मानव जीवन के चार सोपान ( ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास ) में से गृहस्थ आश्रम को सबसे श्रेष्ठ माना गया है ।

आदर्श हिन्दू घर -परिवार: हजारों वर्षों से हमारी संस्कृति जीवन्त संस्कृति बनी रही , इसका प्रमुख कारण है ' परिवार ' । हिन्दू परिवार हिन्दू संस्कृति की प्राथमिक पाठशाला है । हमारा परिवार देव संस्कृति का संदेशवाहक है । मानव जीवन के चार सोपान ( ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , वानप्रस्थ , सन्यास ) में से गृहस्थ आश्रम को सबसे श्रेष्ठ माना गया है ।
परिवार व्यक्ति की रक्षा करने के साथ ही राष्ट्र की भी रक्षा करता है । अतः परिवार की रक्षा करना आवश्यक है कुटुम्बो रक्षति रक्षितः । परिवार से समाज बनाना, उसमें मेलजोल बढ़ाना , संस्कारयुक्त व्यक्ति का निर्माण करना, चराचर जगत की समस्त सृष्टि के साथ सहयोग व आत्मीयतापूर्ण व्यवहार तथा वयं का भाव विकसित करना, इन सभी बातों के लिए परिवार की बहुत बड़ी भूमिका है ।
भारतीय समाज रचना में परिवार का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है । आदर्श परिवार से ही आदर्श समाज रचना सम्भव है । परिवार समन्वित कर्तव्यों व अधिकारों की कर्मभूमि होता है ।
परिवार अस्ताचल सूर्य जैसे अनुभवी वृद्धों से लेकर उदीयमान सूर्य जैसे शिशुओं का एकत्रित स्वरूप है । हिन्दू समाज में प्रत्येक के कर्तव्य पालन में दूसरे का अधिकार निहित है । परिवार में ' हम और अपनापन ' भाव जब तक रहता है ,कौन बनेगा , इसके लिए झगड़ा नहीं होता, स्वतः निर्धारण हो जाता है ।

परिवार का भाव पनपने लगता है , परिवार टूटने का बीजारोपण हो जाता है । परिवार का प्रमुख परिवार टूटता नहीं है और जिस दिन परिवार के किसी सदस्य में ' मैं और मेरा ' का प्रमुख समन्वयकारी होता है । अपने यहाँ कहा गया है :

मुखिया मुख सो चाहिए , खान - पान को एक ।
पाले पोसे सकल अंग , तुलसी सहित विवेक ॥

दूसरे परिवार की लड़की बहू के रूप में आकर परिवार में गृह स्वामिनी बन जाती है । ऋग्वेद में कहा गया है :

सम्राज्ञी श्वसुरे भव सम्राज्ञी स्वश्ववां भव ।
ननान्दिरि सम्राज्ञी भव सम्राज्ञी अधि देवृषु ॥ ( ऋग्वेद 10-85-46 )
अर्थात परिवार के वृद्धजन नई बहू को आशीर्वाद देते हैं - हे पुत्री , ससुर की दृष्टि में तुम महारानी बनो , सास की दृष्टि में महारानी बनो , ननद की दृष्टि में महारानी बनो और देवरों की दृष्टि में महारानी बनो , यही हमारा आशीर्वाद है , यही हमारी शुभकामना है , यही हमारी शिक्षा और यही हमारा उपदेश है । -

हिन्दू धर्म में प्रत्येक मनुष्य के सम्पूर्ण विकास में सोलह संस्कारों की व्यवस्था है । विवाह तेरहवाँ संस्कार है ।

परिवार में उत्तरदायित्व का कोई लिखित प्रावधान नहीं होता । परिवार में अनेक प्रकार के कार्य रहते हैं । परिवार का प्रत्येक सदस्य अपनी क्षमता और योग्यतानुसार कोई न कोई कार्य स्वयं अपने जिम्मे ले लेता है । उत्तरदायित्व न निभाने पर कोई दण्ड का विधान भी परिवार व्यवस्था में नहीं होता है ।


हिन्दू समाज की विशेषता रही है कि हमने सम्बन्धों का विस्तार किया है । सम्बन्धवाची शब्द जितने हमारे यहाँ उपलब्ध हैं , उतने सम्भवतः विश्व में कहीं भी नहीं हैं । हमारे यहाँ अंग्रेजी के समान Maternal ( मातृत्व ) या Paternal ( पितृत्व ) जैसे केवल दो शब्दों से काम नहीं चलता ।

हमारे यहाँ तो प्रत्येक सम्बन्ध के लिए एक निश्चित सम्बोधन है । नौकर को भी काका आदि , नौकरानी को काकी , चाची आदि कहकर पुकारने की प्रथा रही है । केवल मनुष्य नहीं पशु - पक्षियों एवं प्रकृति के साथ भी हमने सम्बन्ध स्थापित किया हुआ है ।

जैसे बिल्ली मौसी, चूहे मामा, सूरज दादा, चन्दा मामा, बादल चाचा, बिजली रानी कहकर उनको प्रेम व आदर के साथ पुकारते रहे हैं । दुर्भाग्य है कि अंग्रेजी भाषा ने रिश्तों की दुनिया को समाप्त कर केवल ' अंकल - आंटी ' तक सीमित कर दिया है

पश्चिमीकरण का दुष्प्रभाव विगत कुछ वर्षों से अपने देश के जीवन मूल्यों पर भी बना हुआ है । संयुक्त परिवार टूट रहे हैं , वृद्धाश्रमों की संख्या बढ़ रही है, पति - पत्नी में तलाक के आँकड़े बढ़ रहे हैं तथा परिवार में सम्पत्ति के झगड़े बढ़ रहे हैं ।

' हम दो , हमारे दो ' या ' हम दो, हमारे एक ' के कारण रिश्तों की दुनिया सिमट रही है । इसका दुष्परिणाम है जनसंख्या असंतुलन । सम्भावना व्यक्त की जा रही है सन् 2050 तक हिन्दू अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो जायेंगे ।

संयुक्त परिवारों के टूटने के कारण परिवारों में संस्कारों का क्षरण होने लगा है और इस कारण मातृशक्ति पर अत्याचार बढ़ रहे हैं । यद्यपि प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़कर कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं ।

आदर्श परिवार वह माना जाता है , जिसमें घर की सज्जा , घर में संस्कार देने की पद्धति, परिवार की भूमिका आदि में राष्ट्रवाद, धर्म एवं संस्कृति के प्रति आस्था, अपने श्रद्धा केन्द्रों व अपने महापुरुषों के प्रति सम्मान का भाव प्रकट हो ।

पारिवारिक जीवन पर बदलते समय में पड़ने वाले दुष्प्रभाव को समाप्त करना दुष्कर कार्य लगता है परन्तु निम्न कुछ बातों पर परिवार में चिन्तन या व्यवहार हो, तो अपेक्षित परिवर्तन आ सकता है :

1 . सायंकाल परिवार के सभी छोटे - बड़े सदस्य भगवान की आराधना - प्रार्थना साथ - साथ करें ।

2. प्रतिदिन एक बार , सम्भव न हो तो सप्ताह में कम से कम एक बार सामूहिक भोजन करें ।

3 . सप्ताह में एक बार परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिल - बैठकर परिवार से सम्बन्धित किसी विषय पर परस्पर प्रेम व विश्वास के साथ चिन्तन व चर्चा करें तथा परिवार में संस्कार वृद्धि हेतु कुछ प्रयोग शुरू करें । जैसे सप्ताह में एक दिन दूरदर्शन रहित दिनचर्या का पालन तथा किसी एक या अधिक परिवारों को अपने यहाँ आमंत्रित करना अथवा किसी परिवार में अपने परिवार सहित जाना ।

4 . जन्मदिन पर केक काटने तथा मोमबत्तियाँ बुझाने के स्थान पर देव दर्शन , दीप • जलाना , भजन कीर्तन करना तथा जिसका जन्मदिन है , उसके द्वारा दान दिलवाना चाहिए ।

5 . परिवार में किसी शादी विवाह व मंगल उत्सव के अवसर पर अनावश्यक आर्थिक प्रदर्शन न करते हुए बचे हुए धन का किसी सेवा कार्य में उपयोग करना । शुभ अवसरों , उत्सवों आदि के अवसरों पर सेवा बस्ती से या अपने घर में कार्य करने वाले सफाई कर्मी , आयामहरी आदि को भी अन्य मित्रगणों की भांति आमंत्रित करना तथा उसी आदर भाव से उनके साथ भी व्यवहार करना ।

6 . परिवार में मंगल निधि कोष प्रारम्भ करना तथा उसमें संग्रहीत धन को सेवा कार्यों में लगाना चाहिए।

7 . परिवार के सभी सदस्य अपने जीवन व्यवहार में ' स्व ' के बोध को दृढ़ करें । जैसे - स्व - भाषा, स्व - भूषा, स्वदेश -स्वदेशी, स्व - तंत्र, स्व - धर्म, स्व - संस्कृति, स्व - अनुशासन आदि ।

8 . यम एवं नियम का पालन करें -

धृतिः क्षमा दमोऽस्तेयं शौचम् इन्द्रिय निग्रहः ।
धीर्विद्या सत्यम् अक्रोधो दशकम् धर्मलक्षणम् ॥
अर्थात- धृतिः ( धैर्य ), क्षमा, दम, अस्तेय, शौच, इन्द्रियनिग्रह , धी ( विवेक बुद्धि ), विद्या, सत्य और अक्रोध - ये धर्म के दस लक्षण हैं ।

9. सेवा व्रत का पालन करें-

परोपकाराय पुण्याय , पापाय परपीड़नम् ।

अर्थात- दूसरों की भलाई से बड़ा कोई पुण्य नहीं है और दूसरों को कष्ट देने से बड़ा कोई पाप नहीं है । यही सब ग्रन्थों का सार है । मात्र धार्मिक कर्मकाण्ड से पुण्य नहीं मिलता है ।

Friday 8 April 2022

Khalistan & Congress

 1977 Congress lose Punjab elections, Akali comes to power with help of BJP's predecessor

Gyani gave idea to Sanjay to create a person who give riery speeches

by this they can create rift between janta and akalis

they interviewed two religius prechers and selected bhindrenwale

Kamal nath paid to bhindrenwale

Sanjay started operation to create bhindrenwale and scare hindus in Punjab.

they planned to drag this issue for 4 years and solved right before election to win confidence of hindus and win election

1980 they build a division in RAW dedicated to pursuing Khalistan issue when there was no talk of this issue.

so Indira planned to create this issue, then kill the issue in order to win people

s faith and win next election.

Indira created issue through fake news on khalistan issue in newspapers

GOI dragged the issue and let it grow and  did not intentionally solved it


Thursday 10 June 2021

Tuesday 30 March 2021

How Hindu Gurus failed our Society!

 Swami Prakasanandendra Saraswati with all due respect Swamiji, Ramdev baba did not need school system to popularise yoga and pranayam to entire country and world a large extent. Swami vivekanand did not have privilege of education system to revive hinduism, Adiguru Shankaracharya did not have system to make hinduism again religion of India. These all three just went on the streets, spoke to people and we saw the results. Muslims are not radicalised in India in the schools but in mosques on Fridays. Missionaries are not converting hindus in schools but on streets. Why not our hindu gurus can use the streets to popularise teachings of Gita on the streets, why not gurus make hindus proud of their culture? What you wrote above are just alibis. If hindus talk about important things in regular pravachans, society will become aware, confident and proud of their culture, religion and history. Alas, gurus left this task so parents don;t know what to do and that left kids in dark as there is none to teach them. Why not gurus talk about pride in doing the work based on caste? How many hindu dharma gurus talk today on issues affecting our dharma? NO ONE. How many spoke on love jihad? How many stood behind Swami Yati in Dasana temple issue? I heard hardly any. Our gurus have become status conscious, they want power and followers. Why have our gurus given space to Nirmal baba and likes? Indians are hungry for gyan and goodness but gurus have left that space to be occupied by charlatans. I have seen a Shankaracharya criticising Modi on frivolous ground when it's in Modi's time that laymay today can speak about his issues. We need another Shankaracharya today. We need another Vivekanand today. We need a fearless yogi today who can revive hinduism and awaken Hindus.

Monday 22 February 2021

Achievements of Modi Govt.

  1. 'हाँ', 10 या 15 रुपये सस्ता हो सकता था Petrol और Diesel ...
  2. पर तब शायद सेना के Veterans को One Rank One Pension (OROP) के अंतर्गत 42,740 करोड़ रुपये न मिल पाते।
  3. पर तब शायद Armed Forces के लिए 7 सालों में 6.5 लाख करोड़ रुपये के हथियार न खरीदे जाते।
  4. पर तब Rafale, Apache, S-400, Tejas Mk-1A जैसी बड़ी डील न हो पाती बल्कि Bullet Proof Jacket & Helmet भी न मिल पाते शायद।
  5. पर तब शायद States को राजस्व का 44.64% हिस्सा न मिलता पहले की तरह सिर्फ 36.86% ही मिलता।
  6. पर तब शायद 24 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से 55,830 किलोमीटर के National Highway न बन पाते।
  7. पर तब शायद 3,360 किलोमीटर के Freight Corridor, E-DFC और W-DFC का निर्माणकार्य शुरू न हो पाता।
  8. पर तब शायद, 7 IIT's, 7 IIM's, 14 IIIT's, 16 AIIMS का निर्माणकार्य न शुरू हो पाया होता।
  9. पर तब शायद 83 Medical College न स्थापित हो पाए होते और 118 और Medical College का काम न शुरू हो पाया होता।
  10. पर तब शायद दशकों से लटके Bogibheel ब्रिज, Dhola Sadhiya ब्रिज, Atal टनल और Chenani-Nashri टनल जैसे प्रोजेक्ट्स पूरे न हो पाते।
  11. पर तब शायद Char-Dham 'रोड' और Char-Dham 'रेलवे' के प्रोजेक्ट पर काम शुरू न हो पाता।
  12. पर तब शायद सामरिक रूप से महत्वपूर्ण Zoji-la टनल, Z-Morh टनल, Dhubri-Phulbari ब्रिज, Sela Pass टनल पर काम शुरू न हो पाता।
  13. पर तब शायद 27 शहरों में 1,376 किलोमीटर की Metro पर काम न चल रहा होता और 373 किलोमीटर के RRTS का काम शुरू न हो पाता।
  14. पर तब शायद 'Bullet Train', 'Sea Plane', 'Vande Bharat', 'Water Cruise', 'Ro-Ro' इत्यादि जैसे विभिन्न महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सपने ही रहते।
  15. पर तब शायद J&K और Ladakh, North-East और Andman-Nikobar में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट इतनी तेजी से न हो पाता।
  16. पर तब शायद, Waterway प्रोजेक्ट, Sagarmala और Bharatmala और Udan जैसे प्रोजेक्ट कभी भी साकार नहीं हो पाते।
  17. पर तब शायद गरीबों को Ujjwala योजना के अंतर्गत 8 करोड़ GAS कनेक्शन न मिले पाए होते।
  18. पर तब शायद गरीबों को Saubhagya योजना के अंतर्गत 2.62 करोड़ घरों में Electricity कनेक्शन न दिए गए होते।
  19. पर तब शायद गरीबों के लिए PM Awas योजना के अंतर्गत 1.68 करोड़ घरों का निर्माण न हो पाया होता।
  20. पर तब शायद Swachh Bharat योजना के अंतर्गत 11.35 करोड़ Toilets का निर्माण न हो पाया होता।
  21. पर तब शायद 11 करोड़ किसानों को Kisan Samman Nidhi के अंतर्गत 6,000 रुपये प्रति वर्ष न मिल पाए होते।
  22. पर तब शायद 50 करोड़ गरीबों के लिए Ayushman Bharat योजना न लांच हो पी होती जिसके अंतर्गत 5 लाख तक का 'मेडिकल बीमा' दिया जा रहा है।
  23. पर तब शायद पिछले 7 सालों में 51.51 GWe के Renewable Energy Project न लग पाए होते और 2022 तक 175 GWe के टारगेट पर काम नहीं चल रहा होता।
  24. पर तब शायद Demonetization, Aadhar Act, GST, Benami Act इत्यादि जैसे बड़े Financial Reforms कभी न हो पाते।
  25. पर तब शायद 2013-14 में Wheat, Paddy और Pulse की MSP खरीद 98,038 करोड़ से बढ़कर 2020-21 में 2,58,342 करोड़ न हुई होती।
  26. पर तब शायद 77,595 करोड़ की लागत से Krishi Sinchai Yojana (PMKSY) शुरू न हो पाती।
  27. पर तब शायद MGREGA का बजट, 2013-14 के 33,000 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 73,000 करोड़ न हो पाया होता।
  28. पर तब शायद पिछले 6 सालों में MUDRA योजना के अंतर्गत 27.71 करोड़ छोटे व्यापारियों को 13.99 लाख करोड़ रुपये का सस्ता लोन न मिल पाता।
  29. पर तब शायद AMRUT योजना के अंतर्गत 75,829 करोड़, Namami Gange योजना अंतर्गत करीब 24,000 करोड़ और Smart City Mission के अंतर्गत ₹1,66,000 रुपये के हजारों छोटे बड़े प्रोजेक्ट न चल रहे होते।
  30. When the people in our metropolitan cities used to be terrified with a series of bomb blasts.
  31. When over 50% of the mother's & daughters used to walk to open fields to defecate in morning & evening. Some of them were raped & some were bitten by snakes. Now, all of them have their own toilets. This is the biggest achievement of any Prime Minister of a developing country. Sanitation facility is most important for a women.
  32. When the women from villages used to walk miles to be able to get water so that their family members could take a bath. Now they have tap water.
  33. When people used to sleep at 6 PM in villages because there was no electricity. Now they have electricity.
  34. When Gram Pradhan used to collect subsidy or government benefits on behalf of the people & would not pass the money to them. Now it's done through direct bank transfer.
  35. When women used to go to jungles to get wood to be able to prepare food. Now they have LPG connection. Those who could manage LPG on their own, had to stand in long queues to get a cylinder. Now, it's delivered at home. Everything is online now.
  36. When ministers used to make hundreds of crores through any event such as common wealth games. Now, that sort of corruption has ended.
  37. When Prime Minister used to say on stage “Muslims have first right on our resources”. Now the PM says “Sabka Saath Sabka Vikas". There is a difference in their ideologies.
  38. When the condition of national highways was pathetic. New expressways are now being inaugurated regularly. Road transport has been transformed.
  39. Trains used to stink & it was difficult to wait for 30 minutes at railway stations. They look clean & hygienic now.
  40. It used to take over a decade to get the bulletproof jackets approved for security forces. There were absolutely no jackets precured between 2009- 2014. Now we see Rafael & S- 400 being delivered to India. Political willingness.
  41. When the meaning of freedom fighter was just Gandhi Ji & Nehru. Deserving people are being recognised now.



Monday 18 January 2021

Advantage of Learning Bhagawad Gita by Heart

  1. Learning Complete Gita develops a sense of discipline
  2. Learning and repeating shlokas refines speech
  3. Learning shlokas helps reading and comprehension skills of Sanskrit and Hindi
  4. Japa meditation of shlokas help develop concentration
  5. learnt shloka recitation helps develop public speaking
  6. builds self-confidence
  7. builds and expand memory
  8. develops and builds spirituality
  9. develops, refines singing ability
  10. helps develops personality
  11. learning shlokas helps student learn ability to learn their subjects 


Sunday 15 November 2020

Diwali 2020: Resistance and Resurgence

Diwali 2020 has been extremely special for Hindus world over because this was the first Diwali we celebrated after the last year's Supreme Court judgement paving way for the construction of Ram Temple in Ayodhya after battle of 492 years. The start of Ram Temple construction added to the joy of Diwali this year. And Yogi govt of UP did ensure that Diwali becomes special by lighting up over 6 lakhs oil diyas, thus making a Guiness World record, decking up the sacred city of Ayodhya in beautiful and majestic lighting. 

However NGT (National Green Tribunal) dictate driven ban by many state govts (both BJP and non-BJP) across India on the crackers dampened the spirit of Hindus not only in India but also across the world. I am deeply disappointed sitting here in Bogota, Colombia even though I am not very fond of crackers and I am not directly affected by this ban.

It's not that we Hindus don't care for the environment, in fact we hindus care the most as ours is the lifestyle completely tuned with nature at its very core, it's not that we hindus like to go against the authorities, in fact we hindus are most law abiding citizens across the world, to the point of docility, it's not that cracker bursting is the only way to celebrate Diwali, in fact that's just one small part of this grand spiritual festival. What bothered us the most is that govts, and NGT wakes up only just before Diwali for the polution, and after banning it during Diwali, they just go into deep slumber doing nothing across the year. The same story has been repeating for many years. Diwali crackers can not be cause of pollution for India throughout the year. They why only ban Diwali crackers and why not tackle the issue in more holistic way?

Also there is trend that everyone from govts, to NGOs, to celebrities, to institutions and private organizations come and lecture us Hindus on all our festivals and our religious practices but stay mum on festivals of other religions and their practices. This has been going on for years now. Hindus have been observing this attitude silently.

This is now having spring effect on the Hindus, We were 'oppressed' and to certain extent we did let ourselves be oppressed but only to that extent. The spring is now releasing. Hindus are now seeing the intention behind. and as a result they are responding by resisting the cracker bans, by becoming aggressive in expressing their views, and by becoming assertive.

During Diwali, despite bans, people burnt crackers across the cities defying the authorities. NGT, govts should take note of this absurd ban and be rational in their approach. Else it will only make militant instincts prominents in the populace.

I wish this Diwali authorities have some sense and work on a year long holistic approach to the pollution menace. Hindus will happily help even by voluntarily giving up if they don't feel discriminated. And thus we can have greener world.

Saturday 12 September 2020

The Beauty of Sanskrit Language

 संस्कृत भाषा का कोई सानी नहीं है।

अंग्रेजी में A QUICK BROWN FOX JUMPS OVER THE LAZY DOG एक प्रसिद्ध वाक्य है। अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर उसमें समाहित हैं। किन्तु कुछ कमियाँ भी हैं, या यों कहिए, कुछ कलाकारियाँ किसी अंग्रेजी वाक्य से हो नहीं सकतीं।

1) अंग्रेजी अक्षर 26 हैं और इस वाक्य में जबरन 33 का उपयोग करना पड़ा है। चार O हैं और A,E,U,R दो-दो हैं।

2) इस वाक्य में अक्षरों का ABCD.. यह स्थापित क्रम नहीं दिख रहा। सब अस्तव्यस्त है।

*अब संस्कृत में चमत्कार देखिये!*

क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोटौठीडढण:।
तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।

अर्थात्- पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का , दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन? राजा मय की जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं।

आप देख सकते हैं कि संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस पद्य में आ जाते हैं। इतना ही नहीं, उनका क्रम भी यथायोग्य है।

एक ही अक्षर का अद्भुत अर्थ विस्तार।

*माघ कवि* ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल "भ" और "र", दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है-
भूरिभिर्भारिभिर्भीभीराभूभारैरभिरेभिरे।
भेरीरेभिभिरभ्राभैरूभीरूभिरिभैरिभा:।।
अर्थात् धरा को भी वजन लगे ऐसे वजनदार,वाद्य यंत्र जैसी आवाज निकालने वाले और मेघ जैसे काले निडर हाथी ने अपने दुश्मन हाथी पर हमला किया।

किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल "न" व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल प्रयोग करके *भारवि नामक महाकवि* ने कहा है।

न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नाना नना ननु।
नुन्नोSनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नन्नुनन्नुनुत्।।

अर्थ- जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है।घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है।

अब हम एक ऐसा उदहारण देखेंगे जिसमे महायमक अलंकार का प्रयोग किया गया है। इस श्लोक में चार पद हैं, बिलकुल एक जैसे, किन्तु सबके अर्थ अलग-अलग।  

विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणा विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणाः ।
विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणा विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणाः ॥

अर्थात् अर्जुन के असंख्य बाण सर्वत्र व्याप्त हो गए जिससे शंकर के बाण खण्डित कर दिए गए। इस प्रकार अर्जुन के रण कौशल को देखकर दानवों को मारने वाले शंकर के गण आश्चर्य में पड़ गए। शंकर और तपस्वी अर्जुन के युद्ध को देखने के लिए शंकर के भक्त आकाश में आ पहुँचे।

संस्कृत में यह श्लोक पाई (π) का मान दशमलव के 31 स्थानों तक शुद्ध कर देता है।

गोपीभाग्यमधुव्रात-श्रुग्ङिशोदधिसन्धिग।
खलजीवितखाताव गलहालारसंधर।।

pi = 3.1415926535897932384626433832792

श्रृंखला समाप्त करने से पहले भगवन श्री कृष्ण की महिमा का गान करने वाला एक श्लोक जिसकी रचना भी एक ही अक्षर से की गयी है। देखें-

दाददो दुद्ददुद्दादी दाददो दूददीददोः।
दुद्दादं दददे दुद्दे दादाददददोऽददः॥

यहाँ पर  बहुत ही कम उदाहरण लिए गए हैं, किन्तु ऐसे और इनसे भी कहीं प्रभावशाली उल्लेख संस्कृत साहित्य में असंख्य बार आते हैं। कभी इस बहस में न पड़ें कि संस्कृत अमुक भाषा जैसा कर सकती है कि नहीं, बस यह जान लें, जो संस्कृत कर सकती है, वह किसी और भाषा में कहीं और नहीं हो सकता।

Modi's 100 Changes

 1) देश का सबसे बड़ा सरदार सरोवर बांध को पुर्ण कराया जिसे लौह पुरुष पटेल के नाम से बनने के कारण 65 साल से अटकाया गया था

2) देश का सबसे लम्बा भूपेंद्र हजारिका सेतु 9.15km को बनाया जिसे पिछली सरकार चीन के डर से रोका था
3) देश की सबसे लम्बी चनानी -नौशेरा सुरंग बनाया जिसे पिछली सरकार ने अटकाया था
4) विश्व की सबसे ऊंची रेल्वे ब्रिज चिनाब नदी पर बना जिसका काम 2008 में रोका गया था
4) वन रेंक वन पेंशन सेना को उसका हक दिया जिसे पिछली सरकार 45 साल से छल रही थी
5) 2014 से पहले मात्र तीन शहर मेट्रो आम जनता के लिये चलता था और 2014 से 19 के बीच
मुम्बई चेन्नई जयपूर कोच्चि हैदराबाद लखनऊ अहमदाबाद नागपूर मे भी मेट्रो ट्रेन जनता के लिये खोल दिये गये
6) मेट्रो ट्रेन का रुट 2014 मे km 250 था अब 2019 मे 650 km हैं मोदी सरकार ने 5 साल मे 400 km का रुट बना के पूर्ण कर दिया
7) किसान सम्मान निधि योजना के तहत 12 करोड़ सिनियर सिटिजन छोटे सीमान्त किसानों को 6 हजार रुपए पेन्शन की व्यवस्था किया गया हैं मोदी सरकार ने आजादी के बाद पहली बार अन्यदाता के लिये पेन्शन योजना लागू किया
8) मोदी ने आंबेडकर को दिया गया सम्मान चार साल मे ही पूर्ण
महू में जन्म भूमि
नागपूर में दीक्षा भूमि
मुम्बई में चैत्य भूमि
दिल्ली में कर्म भूमि
लंदन में बाबा साहेब स्मारक
बनवाया है
9) देश का पहला 14 लेन राजमार्ग दिल्ली - मेरठ एक्सप्रेस वे मात्र 1एक साल 4 माह मे पूर्ण कर दिया मोदी सरकार ने
10) देश कि प्रथम जल मार्ग गंगा नदी(बनारस से हल्दीया के मध्य ) मे बनाया वह भी चार साल मे शुरू भी हो गया
11) भरुच जिले मे नर्मदा नदी पर देश का सबसे लम्बा एक्स्ट्रा डाज्ड केवल ब्रिज निर्माण पूर्ण किया
12) देश का सबसे बडा सोलर प्लांट 75मेगावॉट का मिर्जापुर UP मे पूर्ण पूर्ण हुआ
13) विश्व का सबसे उचित मूर्ति स्टेच्यू ऑफ यूनिट सरदार पटेल का समयबध्यता से पूर्ण हुआ
14) ग्रामीण शहर गांव मे बिजली 70% थी 2014 मे अब 95% हैं 2018 मे
15) नेशनल हाइवे 1947 मे 21000 km था और 65साल मे बढ़ कर 2014 मे मात्र 91285 km हुआ अब 2018 मे 131326 km हो गया हैं 44%कि ज्यादा हो गयी हैं
16) देश कि पहली न्यूक्लिअर सबमरीन 2016 मे नौसेन मे शामिल किया ऐसा करणे वाला विश्व का छटा देश बना और 6 नये सबमरीन खरीदने का समझौता किया
17) 2014 तक 13 करोड़ वैलिड गैस कनेक्शन था अर्थात 55% घरो मे थी अब 2019 तक 25 करोड़ हो गई 90 %घरो तक हो गई
18) चेन्नई का इंटिग्रेटेड कोच फ्रेक्ट्रि रेल्वे कि विश्व का सबसे बड़ी रेल फेक्टरी बनी चीन को पछाड कर बना रिकार्ड 2919 कोच का निर्माण किए
19) नासा ने सेटेलाईट पिच्चर के आधार पर अपने रिपोर्ट मे बताया कि कुछ सालो से भारत और चीनी ही दुनिया को सबसे ज्यादा हराभरा हुआ अर्थात विकास के साथ पर्यावरण का भी ख्याल रखा
20) 2.5 साल मे ही 50 साल पुरानी मांग 22600 शहीदो के सम्मान मे नेशनल वार मेमोरियल बनाया गया
21) भारतीय पुंजी निवेश दुगना हो गया 2013 मे 1 ट्रिलियन था अब 2018 मे 2 ट्रिलियन हो गया हैं
22) 2014 मे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 30 हजार मिलियन डालर था अब 2018 मे 136 हजार हो गया 450 % ज्यादा हो गया
23) 2014मे ग्रामीण सडक से जुडी बस्ती मात्र 55% थी अब 2018 मे 91% हो गयी हैं
24) ग्रामीण क्षेत्रों मे शौचालय 2014 मे 38% था अब 2018 मे बढ़कर 95% हो गया हैं
25) देश कि सबसे बड़ी गैस वितरण योजना का लोकार्पण किया 400 जिले को नेटवर्क से जोडा है
26) भारत का सबसे लम्बा 4.9km कि रेल सह सडक पूल डिब्रुगह असम मे बौगिबेल पूर्ण कराया जिसे 2002 मे अटल सरकार ने शुरू किया था और कांग्रेस कि सरकार ने चीन का डर से रोक सकता है उसे मोदी सरकार ने अब पूर्ण करा दिया है
27) 1998 मे अटल सरकार ने सुखोई लडाकु विमान खरीदा था और काँग्रेस कि दस साल के शासन मे एक भी नहीं खरीदा कहते थे पैसे पेड पे नहीं लगता है और अब मोदी सरकार ने राफेल लडाकु विमान खरीद
28) पिछली सभी काँग्रेस कि सरकार ने कुल 52 सेटेलाईट लाँच किये थे मोदी सरकार ने 4.5साल मे अबतक देशी विदेशी 270 सेटेलाईट लाँच कर चुके हैं
29) अमेठि ऊँचाहार रेल्वेलाईन जिसका वादा इंदिरा राजीव सोनिया राहुल ने किया था उसे मोदी सरकार ने पूरा किया
30) 12हजार हार्स पावर का दमदार इंजिन मोदी सरकार ने बनाया पहले सिर्फ 6हार्स पावर का रेल इंजिन बनता था
31) 1988 तक भारतीय रेल कि सबसे तेज ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस 150 km था और 26 साल तक उसे पिछली सरकार नहीं बढ़ा पा रही थी मोदी सरकार ने t-18 ट्रेन को 180 km कि तेज गति से चलाकर दिखा दिया
32) मोदी सरकार ने 1.19लाख गाँव ग्राम पंचायत को आप्टिक फायबर से जोडा
33) उजाला योजना से 31 करोड LED बल्ब को सस्ते दर मे बल्ब वितरण किया
34) प्रधानमंत्री सडक योजना से अबतक 1.80 KM लाख सडक बना चुकी है
मोदी सरकार का काम बोलता है
35) देश का पहला रेल विश्वविद्यालय वडोदरा मे बन कर तैयार ऐसा करने वाला विश्व का तिसरा देश बना
36) 1980 से भारतीय सेना कि जरूरत और मांग देश कि पहली गहन जलमग्न बचाव वाहन (DSRV)नौ सेना को मिला 2018 मे
37) 20 साल बाद विदेशी निवेश 2018 मे चीन से ज्यादा हुआ मोदी सरकार कि सफल विदेश नीति के कारण हुआ भारत का 38 बिलियन डालर और चीन का 32बिलियन डालर
38) बोफोर्स घोटाल उजागर होने से सेना की जरूरत को फाइल में लटकाया की 30 साल बाद सेना को हल्के हाविज्वर तोप मिला
39) जन धन योजना से अब तक 31.31करोड़ गरीबों का बैंक में खाता खुला है एक माह में 18करोड़ खाता खुलने को विश्व रिकार्ड है
40) उज्ज्वला योजना में ग्रामीण गरीब महिलाओं को GPG गैस दिया रहा है अब तक 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने लाभ उठा चुके है
41) मुद्रा योजना लागू किया इसमें लघु छोटे उद्योग को 10लाख का लोन दिया जाता है अब तक लोन 12 करोडो लोगो को दिया गया पिछली सरकार तो सिर्फ माल्या और नीरव मोदी चौकसे जिंदल जय प्रकाश ग्रुप जैसे उद्योगपती को ही मिलता था
42) एशिया कि सबसे लम्बी सुरँग जोजीला लेह कारगिल लड्डाख बनाया जा रहा है जो कि सेना के लिये अति आवश्यक है जिसे पकिस्तान चीन और आतंकियो के डर नहीं बनने दिया जा रहा था
43) किसन गंगा हैड्रोपावर (330 मेगावॉट )पूर्ण कराया जिसे पिछली सरकार 1960 से पकिस्तान के डर या प्रेम या पाक प्रेमियों के वोट बैंक कि नाराजगी के कारण अट्काय जा रहा था
44) कृषी भूमी हेल्थ कार्ड योजना लागू किया गया है इसमें मिट्टी जमीन कि जांच करके किसानों को कोन सी खेती करना और कितना खाद का उपयोग करने संबंधित जानकारी मुफ्त में दिया जाता है
45) फसल बीमा योजना में पहले 50% नुकसान पे बीमा मिलता था अब किसान को 33% पर भी मिल जाता है और युरिया को नीम कोटेड किया कलाबाजारी खत्म हुआ अब देश मे युरिया की कोई कमी नहीं है
46) युनिवर्सल अकाउंट नम्बर UAI से करोडो श्रमिक को EPF खाता खौलना और फंड ट्रान्सफर करना आसान किया इसमें भ्रष्टाचार को रोका और श्रमिकों के हितों कि सुरक्षा का प्रावधान है
47) मेक इन इंडिया के करण विश्व का दुसरा मोबाईल उत्पाद देश बना 2013-14 में 3% होता था अब 11% होता है
48) 2013-14 में सोलर ऊर्जा उत्पादन 3350 GWS होता था अब 25872 Gws होता है लगभग आठ गुना ज्यादा और अब विश्व में दुसरा स्थान है
49) बिजली उत्पादन 2013-14 से अब तक 40% ज्यादा हो रहा है रुस को पछाड कर विश्व में तिसरा स्थान है
50) प्रधानमंत्री आवास योजना -चार साल में एक करोड़ पचास लाख गरीबों के लिये बनाया। पिछले 65 साल का कुल योग मात्र 77 लाख है
51) प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना - एक रुपया महिना में दो लाख का दुनिया का सबसे सस्ता बीमा 15करोड़ से ज्यादा लाभार्थी
52) लाखो स्कूल और माता बहनौ गरीबों के लिये 10करोड़ शौचालय बनाया
53) 2014 मे भारतीय रेल स्टेशन मे एस्लेटेर कि संख्या 199 थी और अब 2019 मे 603 हो गई
54) 2014 मे भारतीय रेल स्टेशन मे लिफ्ट मात्र 97 थी और 2019 मे लिफ्ट अब 445 हो गई
55) 8948 मानव रहित लेवल क्रॉसिंग को मोदी सरकार ने हटाया गया जो रेल मे दुर्घटना का मुख्य कारण था जिसका वादा पिछले 40 साल से सभी सरकार करते आ रहे थे
56) 2004-14 (दस साल )के मध्य भारतीय रेल ने मात्र 413 रेल रोड ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण किया और 2014-19 (पांच साल )के मध्य 1220 का निर्माण पूर्ण हुआ लगभग तीन गुना ज्यादा
57) पांच साल मे 118 नये मेडिकल कालेज खुले है PG के 15000सीटें और MBBS के 18643सीटें बढ़ गई
58) 2013-14 देश के बजट में टोटल आय में कर्ज 25% लिया जाता था और व्यय खर्च में ब्याज कि देनदारी का हिस्सा 24% था
2018-19 में बजट में टोटल आय में कर्ज का हिस्सा 19% और व्यय खर्च में ब्याज का हिस्सा 18% है
इतने कम समय में इतना कम लोन करने देश के अन्य PM को छोड़ो विश्व के किसी भी नेता का रिकार्ड नहीं है
59) मोदी सरकार के कार्यकाल में राजकोषीय घाटा औसत 3.4% और राजस्व घाटा 2.2% है पिछली सरकार के औसत से 30%कम है बजट घाटा इतना कम किसी और PM ने कभी नहीं किया है
60) प्रथम बार लोकपाल कि मांग 1967 मे उठा था इंदिरा ने 1971 मे राजीव ने 1985 मे संसद मे पेश किया और दो तिहाई से ज्यादा बहुमत होते हुये भी लटका दिया और अब 52 साल बाद मोदी सरकार ने प्रथम लोकपाल पिनाकी चंदघोष की नियुक्ति किया है
61) मोदी सरकार ने अब तक 1500 से ज्यादा निरर्थक अप्रचलित पुराने कानून को रद्द कर दिया जो आज के प्रशासन के लिये सरदर्द थे ऑर 1600 पुराने कानून को भी रद्द करने के लिये चिन्हित किया गया हैं पिछले 65 साल मे मात्र 1301 पुराने कानून को रद्द किया गया था
62) बुलेट ट्रेन मुम्बई ऑर अहमदाबाद के मध्य काम चालू हैं ऑर 1 लाख करोड़ रुपए जपान लगा रहा हैं इतनी दरियादिली किसी ऑर देश या प्रोजेक्ट मे अब तक नहीं दिखाई मोदी के फ्रेंडली विदेशनिती का नतीजा हैं
63) केंद्रीय कर्मचारीयो क़े ग्रेड 3 और 4 की इंटरव्यू खत्म किया भर्ती मे भ्रष्टाचार पर रोक और प्रमाणपत्र क़े फोटो कापी मे स्वप्रमाणित नियम बनाया छात्रों को अधिकारीयो क़े चक्कर लगाने से छूट मिला
64) जिनेरिक (जन औषधी ) दवा केन्द्र 2014 तक मात्र 80 था अब 5000 से ज्यादा है यहां 70% तक सस्ता दवा मिलता है हार्ट क़े स्टेंट मे 80% दाम मे कमी किया
65) 2013 मे प्रति व्यक्ती आय 86647 से पांच मे बढ़कर 125367 रूयय 45%ज्यादा हुआ
88) स्टेंडर्ड एंड पुअर S & P विश्व विख्यात रेटिंग एजेंसी ने 10 साल बाद भारत कि रेकिन्ग में सुधार किया पहली बार BBB - किया 2017 में यह रेटिंग देश कि अर्थव्यवस्था मजबुती ऑर सुधार को प्रदर्शित करता है
89) मुडीस विश्वविख्यात रेटिंग देने वाली एजेंसी ने 2004 के के बाद 2017 में पहली BAA2 किया ये देश कि अर्थव्यवस्था में सकारात्मक सुधार ऑर विकास सुधार के लिये दिया गया है
90) विश्व बैंक ने व्यापर में सूगमता (easy of doing business)में भारत कि रेन्किन्ग 2014 में 134 थी अब 2018 में सुधार हो के 77हो गयी है यह मोदी सरकार के व्यापर में सरकारी हस्तक्षेप बाधा भ्रष्टाचार कम होने के लिये हुआ है
91) संयुक्त राष्ट्रसंघ UN ने मोदी को सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान चेम्पियन्स आफ द अर्थ 2018 में दिया है जो कि मोदी द्वारा 121देशों को साथ लाकर बनाया गये आंतराष्ट्रीय सोलर गथबन्धन के लिये ऑर सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिये दिया गया
92) आंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF कि रिपोर्ट 2017 में कहा गया कि दुनिया कि सबसे तेजी से उभारती अर्थव्यवस्था है ऑर पिछले तीन साल में बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे कम कर्ज लिया है
93) प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था वाले देशों में अब भारत कि रेन्किन्ग 58 है जो कि 2014 में 71 थी 13देश को पीछे छोड दिया है देश मे स्वस्थ प्रतियोगी बिजनेस का माहौल बनाया
94) संयुक्त राष्ट्रसंघ UN रिपोर्ट 2017 में कहा गया है देश में पाँच से कम उम्र के बच्चो कि मृत्यु में 25% कि कमी हुई है जो कि खाद्यसुरक्षा साफ पानी शौचालय निर्माण ऑर स्वच्छता अभियान के कारण हुआ है
95) आंतराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संस्था 2017कि रिपोर्ट में कहा गया कि भारत दुनिया कि सबसे तेजी से बढ़ता विमानक बाजार निर्माण केंद्र बन गया है
96) देश स्टील उत्पादन में बढ़ोतरी हुआ और पहली बार जापान को पीछे छोड के दुसरा स्थान मिला
97) देश मे चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी हुई विश्व मे पहला स्थान मिला ब्रजील को पिछड़ा
98) आटोमोबाईल बाजार वृद्धी किया मचौथा स्थान मिला जर्मनी को पछाडा
99) मोदी क़े अपील पर 1करोड़ 15 लाख लोगो ने गैस सबसिडी छोड दिया ये भी एक बहुत बड़ी उपलब्धि है
100) 2013 - 14 में सिर्फ 3.8 करोड़ लोगो ने इन्कम टेक्स रिटर्न जमा किया था
2017 -18 में 6.86 करोड़ लोगो ने इनकम टेक्स रिटर्न जमा किया जो कि 2013_14 से 80% ज्यादा है लोगो ने सालाना 2.5 लाख रुपए कमाय है जबकि 2 लाख कामाने से तुलना करे तो 120% ज्यादा होगा
यदि इसी प्रकार चार- पाँच सालो में 80- 120 % कि बढ़ोतरी प्रत्येक सरकार 1947 से करती रहती तो हमारा देश इस समय किस ऊँचाईयो और बुलन्दियो पे होते

Thursday 3 September 2020

Fake IT Success of India

 India has so far banned over 200 chinese apps, but China hasn't banned even a single Indian App? They don't have guts to ban our apps. 

Why?

Because no Indian app is famous, even in India forget about outside. This is after we have been boasting of being IT backbone of entire world for over 3 decades now?

What use of such IT skills when we can't create even a single world famous app?

They say English speaking skill is an edge for Indians. Chinese don't have this skill. But what english has done is make us IT coolies across the world. Nothing more.


Indian IT success has not given us any edge in technology all these years. Whereas Chinese have built their own technology behemoths in all advance technologies today.


Who to blame?